पंचायत चुनाव मे लक्ष्मणगढ़ प्रशासन की लापरवाही आवंटित हुए चुनाव चिन्ह दो दिन बाद फिर बदले चुनाव चिन्ह

लक्ष्मणगढ़ प्रशासन की फिर लापरवाही का नमूना सामने देखने को मिला गांव की सरकार के बनने में उम्मीदवारों के साथ स्थानीय प्रशासन वह जिला प्रशासन की लापरवाही का देखने को मिला नमूना, चुनाव जैसी प्रक्रिया में भी लापरवाही ,उम्मीदवारों की उम्मीदवारी पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है प्रशासन की लापरवाही के चलते उम्मीदवारों ने समय और पैसा दोनों ही गवाए 2 दिन पश्चात ही बदल डाला चुनाव चिन्ह यह कैसी व्यवस्था वाह रे प्रशासन चुनाव से पहले ही प्रशासन की यह लापरवाही का नमूना अब उम्मीदवार किसे रोए गांव की सरकार में प्रथम नागरिक बनने चले उम्मीदवारों की उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाए प्रशासन

Sep 23, 2020 - 16:45
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पंचायत चुनाव मे लक्ष्मणगढ़ प्रशासन की लापरवाही आवंटित हुए चुनाव चिन्ह दो दिन बाद फिर बदले चुनाव चिन्ह

 

लक्ष्मणगढ़ अलवर

राजस्थान में पंचायत राज चुनाव का बिगुल बज चुका है। और सभी ग्राम पंचायतों के अंदर अपने अपने ग्राम पंचायतों से उम्मीदवारी जताते हुए गांव की सरकार बनाने के लिए कमर कस ली है ।ऐसे में जब उम्मीदवार गांव की सरकार बनाने के लिए कमर कस लें और चंद् समय पहले ही उम्मीदवारों की उम्मीदों पर पानी फिर जाए, तब देखिए क्या बनता है। उम्मीदवारों का हाल इसी पर हमने आज एक प्रशासन की लापरवाही का नमूना हमारे सामने आया है राजस्थान के अलवर जिले के अंदर प्रथम चुनाव के होने वाले चुनाव में नीमराणा और लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति के अंतर्गत होने थे। पंचायत राज चुनाव के 28 तारीख को चुनाव होने हैं। जिसके चलते उम्मीदवारों ने अपने अपने ग्राम पंचायतों से उम्मीदवारी जताने के लिए नामांकन दर्ज किया, नामांकन दर्ज करने के पश्चात उम्मीदवारों के लिए 20 तारीख को चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए। चुनाव चिन्ह आवंटित करने के पश्चात दिनांक 22 सितंबर को लक्ष्मणगढ़ उपखंड प्रशासन की लापरवाही फिर देखने को मिली लापरवाही भी इस तरह की ,जो गांव की सरकार बननी थी। जिनके लिए उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी जता भी चुके थे ।उम्मीदवारों को अपने चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिए गए, और उम्मीदवारों ने चुनाव चिन्ह आवंटित होने के पश्चात अपने अपने स्तर से स्टेशनरी छपवा कर और अपने अपने क्षेत्रों में प्रचार प्रसार किया। ऐसे में उम्मीदवारों का समय और पैसा दोनों ही बर्बाद इस तरह हुआ प्रशासन की लापरवाही के कारण स्थानीय प्रशासन ने आज अचानक उम्मीदवारों के यहां सूचना भेजी गई, कि आप का चुनाव चिन्ह बदल चुका है जब उम्मीदवारों को इस चीज का पता लगा कि हमारा चुनाव चिन्ह बदल चुका है तो उम्मीदवार के सब किए कराए पर पानी फिरता नजर आया । और उम्मीदवार अपनेसिर पर हाथ रख कर के और सोचने को मजबूर हो गया सोच सही सोच से उम्मीदवारों ने आज उपखंड अधिकारी को फोन लगाया तब उपखंड अधिकारी ने भी फोन नहीं उठाया जिसके चलते अब उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों से अपने अपने ग्राम पंचायतों से एकत्रित होकर आए और जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया गया ।और जिसमें अपनी वेदना को बताया गया कि हमने अपने अपने क्षेत्रों में अपने अपने हिसाब से चुनाव चिन्ह आवंटित करने के पश्चात प्रचार प्रसार कर डाला। ऐसे में क्या आप अपने अपने चुनाव चिन्ह को बदल कर दिया है । और अब हम दूसरा चुनाव चिन्ह लेकर के कैसे अपना प्रचार प्रसार करें, ऐसे में जनता हमें बेवकूफ बताएगी कि जिनका आज चुनाव चिन्ह काही पता नहीं वह क्या 5 साल के लिए राज चला पाएंगे, अब सोचने का विषय यह है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण उम्मीदवार भी बने रहे, हैं बेवकूफ और जब खास बात यह रही कि उम्मीदवारों के नामांकन प्रक्रिया को कई कई बार बारीकी से देखा जाता है। विभिन्न अधिकारियों के द्वारा जिसके चलते तहसील स्तर पर उपखंड स्तर पर और जिला स्तर पर इनकी छानबीन की जाती है। कितने अधिकारियों को इस प्रक्रिया में लगाया जाता है। कितने ही कर्मचारी इस प्रक्रिया से जुड़ कर इस कार्य को गति देते हैं ।और जब उपखंड क्षेत्र पर जिला स्तर पर और यह गलतियां पकड़ में नहीं आई तो राज्य स्तर पर इन गलतियों को पकड़ा गया और अल्फा बीटा की कमी के चलते इनका जो चुनाव चिन्ह वितरण हुआ वह गलत हो गया था। इन्होंने लापरवाही के चलते इनके चुनाव चिन्ह अदला बदली हुई है। अब लक्ष्मणगढ़ तहसील के नायब तहसीलदार हनीफ खान जी से जब सबकुछ स्थिति का जायजा लिया गया । तो उन्होंने भी माना कि गलती तो हुई है । अल्फाबेट के कारण गलती हुई है जो कि जिले स्तर पर उपखंड स्तर पर कहीं भी पकड़ में नहीं आई है और जयपुर से इस गलती को पकड़ा है और जयपुर निर्वाचन विभाग के महेंद्र शर्मा है। उन्होंने इन पर गौर करते हुए पकड़ा है ।और तुरंत प्रभाव से हमने सभी उम्मीदवारों को आप सूचित किया है। कि उनके चुनाव चिन्ह बदल गए हैं । उम्मीदवार अपना चुनाव चिन्हअपना को लेकर  संशय में हैं ऐसे में अब 22 तारीख को साय: काल यह सूचना मिली है ।उम्मीदवारों को जब मिली है तो उम्मीदवारों का यही कहना कि अब हम करें तो क्या करें हमारे सब करें धरे पर पानी फिर गया है। और इन लापरवाही के चलते खेड़ा मंगल सिंह से वार्ड मेंबरों के नामांकन दाखिल हुए थे जिसमें विकास शर्मा और सुमरत लाल इनका चुनाव चिन्ह बदला गया । वही गोठड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच पद के उम्मीदवार मंजू देवी ,मदनलाल ,मुकेश चंद्र ,इनके भी चुनाव चिन्हों में भी रद्दो बदल किया गया वही बिचगांवा ग्राम पंचायत के भी 6 उम्मीदवारों सरपंच पद के जो कि इस प्रकार है संजू भाई मीणा, सन्ती देवी , सीमा शर्मा , सीमा प्रजापत , मंजू देवी , माया देवी के भी चुनाव चिन्ह बदले गए।

 प्रशासन की लापरवाही के कारण, और प्रशासन लापरवाह कैसे कर रहा है। वह भी देखिए। कि स्थानीय पटवारियों के द्वारा तमिल कराई गई और तमिल भी उम्मीदवारों के घर तक नहीं पहुंचा कर रास्ते में ही किसी को इर्द-गिर्द दे डाली

 बिचगांवा ग्राम पंचायत से उम्मीदवारी  जता रही मंजू शर्मा का कहना है कि मेरे घर पर पटवारी तामिल लेकर नहीं आया मैंने तो गांव में हल्ला सुनते हुए मालूम पड़ा है और मेरी तमिल रास्ते में किसी और को ही देख कर आया है और ना मेरे से कोई हस्ताक्षर करवाए हैं ना मेरे परिवार जन से हस्ताक्षर करवाए। स्थानीय हल्का पटवारी सिर्फ जानकारी चाही गई तो कहा। कि मैं अभी रोटी खा रहा हूं और दुबारा पलटकर फोन नहीं किया। अब उम्मीदवारों के लिए क्या कल मैदान में प्रचार प्रसार के लिए जाएंगे तो पुनः अपना चुनाव चिन्ह बदला हुआ कहने की बात मतदाताओं के समक्ष रखेंगे। ऐसे में मतदाता उम्मीदवारों से क्या कहेंगे कि इन्हें अपना चुनाव चिन्ह का ही पता नहीं ऐसे में क्या 5 साल यह राज चला पाएंगे ।अब ऐसे में क्या दो-तीन दिन के अंदर उम्मीदवार अपना चुनाव प्रचार कर पाएंगे। उम्मीदवारों को टेंशन दे डाली स्थानीय प्रशासन ने अब देखना यह है कि लापरवाही में लिप्त इन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाती है

मेरे द्वारा उपखंड अधिकारी लक्ष्मणगढ़ सुरेंद्र प्रसाद के नंबर पर फोन लगाया गया पर फोन उठाया नहीं मैंने अपने फोन से फोन किया था जो फोन मैंने उम्मीदवारी पत्र में दर्ज कराया उसी नंबर से तीन बार फोन लगाया पर अधिकारी ने फोन नहीं उठाया ऐसे में क्या प्रशासनप्रशासन कितना संजीदा है यह भी एक देखने का विषय है मैं अब मानसिक टेंशन में हूं कि यह हुआ तो क्या हुआ मेरे सब किए कराए पर पानी फेर डाला प्रशासन ने

मंजू शर्मा उम्मीदवार ग्राम पंचायत  बिचगांवा

निर्वाचन विभाग की प्रक्रिया के दौरान लक्ष्मणगढ़ प्रशासन के द्वारा जो की गई लापरवाही की जानकारी लेने के लिए जिला कलेक्टर आनंद जी के नंबर पर फोन किया गया पर फोन ना उठाने के कारण कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं करा पाई जिससे पता चलता है कि स्थानीय प्रशासन लक्ष्मणगढ़ और जिला प्रशासन अलवर कितना संजीदा है ऐसे में निर्वाचन विभाग के सामने लापरवाही का नमूना सामने देखने को मिल रहा है

जैसा आपने बताया है कि हमारे संसदीय क्षेत्र में इस तरह के गांव की सरकार के नुमाइंदों के साथ प्रशासन लापरवाही कर रहा है यह गलत है सरकार अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रही है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए हम भी जिला कलेक्टर से व मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजस्थान सरकार से विषय के बारे में वार्तालाप करेंगे कि ऐसा हुआ तो क्यों और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है और उम्मीदवारों के साथ हुए धोखे मैं अभिनय किस तरह लाभ दिलाया जाएगा

   महंत बालक नाथ

सांसद अलवर संसदीय क्षेत्र

 

विषय के बारे में जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी गांव की सरकार में बनने के लिए राज सरकार का पूरा सहयोग रहेगा

    टीकाराम जूली

श्रम राज्यमंत्री राजस्थान सरकार

 

लक्ष्मणगढ़ से गिर्राज प्रसाद सोलंकी

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